1. कर्मवीर चिलचिलाती धूप को क्या बना देते हैं ?
( क ) बादल
( ख ) छाया
( ग ) चाँदनी
( घ ) अंधकारमयी।
उत्तर ( ग)
2. कर्मवीर हँस – हँस के क्या चबा लेते हैं ?
( क ) गन्ना
( ख ) मकई
( ग ) लोहेकाचना
( घ ) चावल
उत्तर– ( ग)
3. ‘ कर्मवीर ‘ शीर्षक कविता किस भाषा में लिखी गयी है ?
( क ) अवधि
( ख ) मैथिली
( ग ) भोजपुरी
( घ ) खड़ीहिन्दी।
उत्तर– ( घ)
4. कर्मवीर ‘ पुरुष क्या करते हैं ?
( क ) बेकारकीबातोंमेंसमयबर्बादकरतेहैं
( ख ) झूठीकल्पनाकाहवाईमहल, बनातेहैं
( ग ) हीरा कोकोयलाबनातेहैं
( घ ) कर्मवीर पुरूषार्थी होतेहैं
उत्तर– ( घ)
5. ‘ कर्मवीर ‘ की क्या पहचान है ?
( क ) जोकर्मकेप्रतिनिष्ठारखतेहैं।
( ख ) भाग्यकेभरोसेबैठेरहतेहैं।
( ग ) आजकाकामकलपरटालतेहैं।
( घ ) भाग्यकोकोसतेरहतेहैं।
उत्तर– ( क)
6. ‘ कर्मवीर ‘ कविता के आधार पर आप अपना आदर्श किसे मानते हैं ?
( क ) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
( ख ) जवाहरलालनेहरू
( ग ) सुभाषचन्द्र बोस
( घ ) महात्मा गाँधी।
उत्तर– ( घ)
7. परिश्रम के द्वारा मनोवांछित लक्ष्य कौन प्राप्त करता है ?
( क ) कर्मवीर
( ख ) परिश्रम नहींकरनेवाला
( ग ) ईश्वरपरभरोसाकरनेवाला
( घ ) दूसरोंपरआश्रितरहनेवाला
उत्तर– ( क)
8. व्यक्ति की कैसी निष्ठा उसके सफलता का निर्धारण करती है ?
( क ) कर्मकेप्रति
( ख ) दयारहित
( ग ) अभावपूर्ण
( घ ) पश्चातापपूर्ण।
उत्तर– ( क)
9. अयोध्या सिंह उपाध्याय लिखित शीर्षक पाठ है
( क ) कर्मवीर
( ख ) ईदगाह
( ग ) तूजिन्दाहैतो
( घ ) सभी
उत्तर– ( क)
10. सभ्यता एवं संस्कृति के रक्षक और निर्माणकर्ता हैं
( क ) साधू
( ख ) वीर
( ग ) कृषक
( घ ) कर्मवीर
उत्तर– ( घ)
11. ‘ साध्य की महत्ता तभी है , जब उसका साधन भी महान हो ‘ उक्ति है
( क ) विवेकानंद की
( ख ) महात्मा गाँधीकी
( ग ) दयानंदसरस्वती की
( घ ) रवीन्द्रनाथ टैगोरकी।
उत्तर ( ख)
12. सब जगह सब काल में कौन फले – फूले मिलते हैं ?
( क ) दानवीर
( ख ) बलवीर
( ग ) कर्मवीर
( घ ) वचनवीर
उत्तर– ( ग)
13. कर्म के प्रति निष्ठा ही व्यक्ति की निर्धारित करती है ।
( क ) असफलता
( ख ) अशिक्षा
( ग ) सफलता
( घ ) विफलता।
उत्तर– ( ग)
14. जंगलों में भी महामंगल कौन रचा देते हैं ?
( क ) शूरवीर
( ख ) दानवीर
( ग ) धर्मवीर
( घ ) कर्मवीर।
उत्तर– ( घ)
v.v.i Subjective Question ( 2marks )
1. आप अपने को कर्मवीर कैसे साबित कर सकते हैं?
उत्तर – हमअपनेकोकर्मवीर अपनेदृढ़निश्चयसेसाबितकरसकतेहैं। जैसे हम विद्यार्थी हैं। विद्याध्ययन मेरा कर्म है। यदि हम पूर्णनिष्ठासेअपनीपढ़ाईकरतेहैंतोनिश्चयहीसफलतामेरापाँवचूमेगी। ईश्वरचन्द्र विद्यासागर , अब्राहम लिंकन , महात्मा गाँधीआदिइसकेज्वलंतउदाहरणहैं, जिन्होंने अपनेकर्मसेसंसारकोएकनईदिशादी।
2. परिश्रम के द्वारा मनोवांछित लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है । कैसे?
उत्तर – परिश्रम के द्वारा मनोवांछित लक्ष्यकीप्राप्ति कीजासकतीहै। इसके लिए किसीभीव्यक्ति कोतन– मनसेउसकार्यकेप्रतिसमर्पित होनाआवश्यकहै। जब कोई व्यक्ति पूर्णउत्साहकेसाथलक्ष्यप्राप्ति केलिएपरिश्रम करताहैतोउसकाआत्मविश्वास बढ़ताजाताहै। यही आत्मविश्वास उसेकर्ममार्गमेंआनेवालीबाधाओंसेलड़नेतथाकष्टसहनकरनेकीशक्तिप्रदानकरताहै। बाबा भीमराव अंबेदकर इसकेज्वलंतप्रमाणहैं, जोअपनीकर्मनिष्ठा केबलपरमहानपदपरआसीनहुएतथा‘ बाबा‘ केनामसेआजपूज्यहैं।
3. “ कल करे सो आज कर, आज करे सो अब । पल में परलय होएगा, बहुरि करेगा कब” से संबंधित अर्थ वाले पंक्तियों को लिखिए ।
उत्तर – आज करना हैजिसेकरतेउसेहैंआजही। सोचते – कहते हैंजोकुछ, करदिखातेहैंवही।।मानतेजीकीहैं, सुनतेहैंसदासबकीकही। जो मदद करतेहैंअपनीइसजगत्मेंआपही।।भूलकरवेदूसरोंकामुंहकभीताकतेनहीं। कौन ऐसा कामहैवेकरजिसेसकतेनहीं।
v.v.i Subjective Question ( 5 marks )
1. अपने देश की उन्नति के लिए आप क्या– क्या कीजिएगा?
उत्तर – अपनेदेशकीउन्नतिकेलिएसबसेपहलेमैंलोगोंकोपरिश्रमी , किईमानदार , त्यागी, कष्टसहिष्णु तथास्वावलंबी बननेकेलिएप्रेरित करूंगा। प्रकार कोई भीव्यक्ति , समाजयादेशउन्नतियाविकासकीओरतभीअग्रसरहोताकाहैजबवहस्वावलंबी तथास्वाभिमानी होताहै। स्वावलंबी या स्वाभिमानी केव्यक्ति अपनेआन– मान– सम्मानकेलिएअपनेप्राणकीबाजीतकलगादेताहै। वह मरना पसंदकरताहैकिन्तुपरमुखापेक्षी होनापसंदनहींकरता। अत : इस हर व्यक्ति कोआत्मनिर्भर , परिश्रमी तथास्वाभिमानी बननेकेलिएप्रेरित परिवेशसेकरूंगा, ताकिवेअपनेकर्मसेदेशकोसुसम्पन्न बनासके।
2. कर्मवीर की पहचान क्या है?
अथवा,
कर्मवीर किसे कहा जा सकता है?
उत्तर – कर्मवीर विषम परिस्थिति मेंभीसहजबनेरहतेहैं। वे भाग्यवादी औरबोधनहीं, कर्मवादी होतेहैं। वे हर कामतत्क्षण करनेकाप्रयासकरतेहैं, किसीकलपरछोड़नाउनकीआदतनहींहोती। वे अपनी दृढ़तासेविपरीतवातावरण कोअनुकूलबनालेतेहैं। उनका सिद्धान्त ‘ करोयामरो‘ हैइसहोताहै। जब कोई कामआरंभकरतेहैंतोपूराकरनेकेबादहीदमलेतेआधारहैं। ऐसे व्यक्ति युगपुरुषहोतेहैंजोसमयकीधाराकोअपनेअनुकूलमोड़कहानीकालेतेहैं। कर्मवीर परमुखापेक्षी एवं पराश्रयी नहींहोते। वे सदा अपनेपराक्रम सार्थक, परभरोसाकरतेहैं। उनका समय ऐसेकार्यमेंव्यतीतहोताहै, जिससेसबकाकल्याणहोताहै। अतः कह सकतेहैंकिकर्मवीर निर्भीक , देशप्रेमी , स्वावलंबी , नयीछविआत्मविश्वासी , परोपकारी , सहज, सरलतथास्वाभिमानी होतेहैं।